April 25, 2024 7:35 AM

Search
Close this search box.

उत्तराखंड: आबकारी में बीते वर्ष का 80 करोड़ बकाया नहीं हुआ जमा, वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने अधिकारियों को चेताया…

देहरादून: आबकारी विभाग की समीक्षा बैठक में वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने अधिकारियों के जम कर पेच कसे। उन्होंने बकाया राजस्व की वसूली न होने पर नाराजगी जताते हुए कहा कि विभाग की खामियों को दूर किया जाए। इस दौरान यह बात भी सामने आई कि गत वर्ष का 80 करोड़ रुपये का बकाया होने के बावजूद दुकानों का नवीनीकरण भी किया गया।

राजस्व न देने वालों के खिलाफ की जाए कड़ी कार्रवा

इस पर वित्त मंत्री ने कहा कि राजस्व न देने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए और उन्हें दुकानों का आवंटन न किया जाए। उन्होंने अवैध शराब की बिक्री रोकने को ट्रेक एवं ट्रेस व होलोग्राम प्रणाली को लागू करने के भी निर्देश दिए। मंगलवार को वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने विधानसभा में आबकारी विभाग की समीक्षा की।

विभाग ने 37 करोड़ रुपये क‍िए वसूल

बैठक में बताया कि कई 2021-22 में शराब की दुकानों पर 117 करोड़ रुपये बकाया था। इसमें से विभाग ने 37 करोड़ रुपये वसूल लिए हैं लेकिन अभी भी 80 करोड़ रुपये का हैं। इस वर्ष भी 300 करोड़ रुपये से अधिक का बकाया शेष है। इस पर वित्त मंत्री ने बकाया राशि को नियमानुसार वसूलने के निर्देश दिए।

विभाग की छवि अच्छी नहीं, इसमें सुधार की है जरूरत

इस दौरान उन्होंने प्रदेश में शराब तस्करी पर रोक लगाने के लिए सितंबर तक टेस्ट एंड ट्रेक और होलोग्राम व्यवस्था सुचारू करने को कहा। वित्त मंत्री ने कहा कि विभाग की छवि अच्छी नहीं है। इसमें सुधार की जरूरत है। अगर विभाग अपनी कार्यशैली को दुरुस्त करने के साथ ही कमजोरियों व खामियों को दूर कर ले तो अपने आप ही राजस्व में वृद्धि होगी। उन्होंने विभाग को इस वर्ष के निर्धारित लक्ष्य 3600 करोड़ को इसी वर्ष पूरा करने और इसे और अधिक बढ़ाने पर भी जोर दिया।बैठक में सचिव वित्त सौजन्या, सचिव वित्त दिलीप जावलकर व सचिव आबकारी एससी सेमवाल समेत विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।

राजस्व बढ़ाने को अन्य विभागों की भी होंगी बैठकें

वित्त मंत्री प्रेम चंद अग्रवाल ने बैठक के बाद मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि उनका लक्ष्य प्रदेश के राजस्व को बढ़ाना है। इसके लिए अधिक राजस्व वाले सभी विभागों के साथ एक-एक कर बैठक की जाएगी। इन बैठकों के जरिये विभागों में राजस्व प्राप्ति की समीक्षा की जाएगी। जो कमियां नजर आएंगी, उन्हें दूर करने के साथ ही राजस्व बढ़ोतरी के लिए भी प्रोत्साहित किया जाएगा।

Related Posts